ज़िन्दगी को चखता जा

 

और मिलें ना कहने वालें 28.jpg
तू खुद से बातें करता जा |

अरण्य1 घने हों, राह अँधेरी 
तू मन को रोशन करता जा | 
 
रास्ते के काँटों को उखाड़कर
तू रात की रानी रखता जा |

कट के ना गिर गिरना हो तो
तू आबशारों2 सा गिरता जा |

तेरे मन में जो कुछ भी हो
तू वही जुबान पे रखता जा |

मीठी, खट्टी, तीखी, कसैली3
तू ज़िन्दगी को चखता जा |

Photo Courtesy: Flickr

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अरण्य : Forest 
आबशार : Waterfall
कसैली : Bitter