कुछ लोग उसे मसीहा कहते हैं

 

सरापा1 इश्क ही से भरपूर था वो,
कुछ लोग उसे मसीहा कहते हैं |26.jpg

अंदाज़ उन के भी अजीब कम नहीं, 
कभी निहां2 कभी नुमाया3 रहते हैं |

उनके दरमियाँ4 बस मोहब्बत ही थी,
बाकी कहें, कैसे इक दूजे को सहते हैं |

आखिर डूब गया, वो जो कहता था,
कि आ चल दोनों संग संग बहते हैं |

वक़्त धीमे धीमे रिसता5 ही जायेगा,
ऐसे बाँध यक-ब-यक6 नहीं ढहते हैं |

Photo Courtesy: Flickr

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सरापा - From head to toe
निहां - Hidden
नुमाया - Visible
दरमियाँ - Inbetween
रिसना - Leakage
यक-ब-यक - Suddenly