बदलते नज़रिए..

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बच्चों के सपनों की ऊंची उड़ान में
बृहद रंगों में, नीले आसमान में
निश्चिन्त आसां खूबसूरत जहान में
चिंता से परे और मस्ती में डूबी
- ज़िन्दगी सलोनी सी

खोये प्यार के खाली से इंतज़ार में
काली पूनम में, सुलगती बयार में
तनहा पलों की लम्बी सी कतार में
भावना शून्य, कठोर और पथरीली
- ज़िन्दगी निर्मम सी

शायर के सुरमयी गीतों के सांचों में
सावन में भादों में, बूंदों बरसातों में,
वसंत के उन सारे मीठे से रागों में
हर मौसम में कल्पित हसीन सी
- ज़िन्दगी खुशगवार सी

अखबारों की सुर्खिओं के जाल में
खोखले राज में, थोथे व्यापार में
बौराई मानवता के काले विस्तार में
उबलते लावे के ठीक ऊपर बैठी
- ज़िन्दगी क्षणभंगुर सी

पुरातन वक़्त की बातों की लड़ी में
बीते किस्सों में, यादों की कड़ी में
झुर्रियों में उलझे प्रश्नों की झड़ी में
ताल पे पड़ते सूरज के अक्स सी
क्षण क्षण बदलती ये ज़िन्दगी

Photo Courtesy: Flickr

2 comments:

  1. jeevan k kuch maasoom to kuch kathor roopon ka khoobsoorat chitrann.....

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  2. beautiful...
    however "khoya-pyaar" is interesting...
    plzz elaborate :-)

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